महाराणा सांगा और बाबर के बीच हुए “खानवा युद्ध के कारण” क्या थे?

खानवा युद्ध के कारण

खानवा का ऐतिहासिक युद्ध बाबर और महाराणा सांगा के बीच लड़ा गया था।, खानवा युद्ध के कारण कई हो सकते हैं, यह युद्ध 16 मार्च 1527 के दिन आगरा से 35 किलोमीटर दूर खानवा नामक गांव में लड़ा गया था।महाराणा सांगा और बाबर के बीच लड़ा गया खानवा का युद्ध इतिहास के सबसे भीषण और भयानक युद्ध में शामिल हैं।

इस लेख में हम खानवा युद्ध के कारण जानेंगे।

खानवा युद्ध के कारण

महाराणा सांगा और बाबर के बीच हुए “खानवा युद्ध के कारण” निम्नलिखित हैं-

1. महाराणा सांगा इब्राहिम लोदी को पराजित करके दिल्ली की सत्ता अपने हाथ में लेना चाहते थे ताकि संपूर्ण भारत में पुनः हिंदू स्वराज्य की स्थापना की जा सके।
2. हिंदू स्वराज्य की स्थापना करने के लिए महाराणा सांगा ने अपने राज्य को मेवाड़ से लेकर आगरा तक काफी मजबूत कर दिया था।
3. महाराणा सांगा की सोच के विपरीत बाबर दिल्ली छोड़कर नहीं गया बल्कि भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना के सपने देखने लगा।
4. सिंधु और गंगा घाटी के क्षेत्र में बाबर की स्थिति अधिक मजबूत थी। जिससे महाराणा सांगा को लगने लगा था कि बाबर की स्थिति और अधिक मजबूत हो उससे पहले इसको हिंदुस्तान से खदेड़ना होगा।
5. महाराणा सांगा का साथ देने वाले अफ़गानों में इब्राहिम लोदी का भाई महमूद लोदी और हसन खा मेवाती मुख्य चेहरे थे। बाबर इन अफगानों को पराजित करके महाराणा सांगा को कमजोर करना चाहता था। जैसे ही महमूद लोदी और हसन खा मेवाती को पता चला कि बाबर उन पर आक्रमण करने वाला है तो यह दोनों अपनी सेना सहित महाराणा सांगा के पास पहुंचे और उन्हें बाबर के खिलाफ युद्ध में साथ देने और युद्ध करने के लिए उकसाया।
6. पानीपत के प्रथम युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद इब्राहिम लोधी का वर्चस्व लगभग खत्म हो गया था और उसके अधीनस्थ क्षेत्रों को बाबर अपना मानता था और यही वजह रही कि धौलपुर, बयाना, कालपी, आगरा पर जब महाराणा सांगा का अधिकार हो गया तो बाबर बोखला गया।
7. जब बाबर पहली बार भारत आया तब उसने महाराणा सांगा के साथ समझौता किया कि दिल्ली के शासक इब्राहिम लोदी के खिलाफ युद्ध में महाराणा सांगा बाबर की मदद करेगा, लेकिन अंत में महाराणा सांगा ने बाबर का साथ देने से मना कर दिया। इससे भी वह बौखला गया और महाराणा सांगा से युद्ध करने के बारे में सोचने लगा।
8. इब्राहिम लोदी को पराजित करने के बाद बाबर स्वयं को दिल्ली का बादशाह समझता था जबकि महाराणा सांगा उसे दिल्ली का बादशाह नहीं मानते थे। वह उसे सिर्फ एक लुटेरा मानते थे, इस वजह से बाबर राणा सांगा से बैर रखता था।
9. अपने साम्राज्य विस्तार और भारत में पुनः हिंदू स्वराज्य की स्थापना करने के उद्देश्य से महाराणा सांगा ने बाबर के खिलाफ युद्ध करने का निर्णय लिया था।
10. संपूर्ण हिंदुस्तान में मुगल साम्राज्य की स्थापना के लिए बाबर को मेवाड़ के शासक महाराणा सांगा के साथ युद्ध करना पड़ा।

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महाराणा सांगा और बाबर के बीच हुए “खानवा युद्ध के कारण” क्या थे?

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