भोजराज सिंह सिसोदिया का इतिहास (Bhojraj History In Hindi) जानें भोजराज की मृत्यु कैसे हुई?

भोजराज सिंह सिसोदिया (Bhojraj) जिसे हम भोजराज के नाम से जानते हैं। भोजराज को उनकी पत्नी मीराबाई की वजह से जाना जाता हैं। इतना ही नहीं मेवाड़ के महानतम शासकों में शामिल महाराणा सांगा के बड़े पुत्र थे। महाराणा सांगा के जीवनकाल में ही इनकी मृत्यू हो गई थी, यही वजह रही कि ज्यादतर लोग इनके बारे में नहीं जानते हैं।

जब भोजराज (Bhojraj) की आयु 31 वर्ष थी तब इनकी मृत्यू हो गई। भोजराज के 6 छोटे भाई भी थे। सिसोदिया राजवंश की परम्परा के अनुसार ये मेवाड़ की गद्दी के भावी राजकुमार थे लेकिन असमय मृत्यु हो जाने की वजह से भोजराज कभी इस पद पर आसीन नहीं हो सके। इस लेख में आप भोजराज का इतिहास, भोजराज और मीराबाई की शादी के साथ साथ यह भी पढ़ेंगे कि भोजराज की मृत्यु कैसे हुई।

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भोजराज का इतिहास और जीवन परिचय (Bhojraj History In Hindi)-

पूरा नाम - भोजराज सिंह सिसोदिया।
जन्म वर्ष- 1495.
मृत्यू वर्ष- 1526.
पिता का नाम- महाराणा संग्राम सिंह (महाराणा सांगा).
माता का नाम- कंवरबाई.
पत्नी का नाम- मीराबाई.
संताने- इनकी कोई संतान नहीं थी.
जन्म स्थान- चित्तौड़.
धर्म- हिंदु सनातन.

भोजराज महाराणा सांगा के 7 पुत्रों में सबसे बड़े थे। 1495 ईस्वी में कंवरबाई के गर्भ से जन्म लेने वाले भोजराज (Bhojraj) जब 21 वर्ष के तब इनकी शादी मेड़ता के राठौड़ वंश की राजकुमारी मीराबाई के साथ हुआ था। भोजराज और मीराबाई की शादी का वर्ष 1516 ईस्वी हैं।

मीरा और भोजराज की शादी (Meerabai aur Bhojraj ki Shadi)-

मीरा और भोजराज की शादी के लिए जाता हैं कि मीराबाई बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्त थी साथ ही बुद्धिमान और अद्वितीय गुणों से युक्त थी। यही कारण था कि मेवाड़ के शासक महाराणा सांगा अपने बड़े बेटे भोजराज की शादी का प्रस्ताव लेकर मीराबाई के पिता रत्नसिंह के घर गए।

मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन थी जिसके चलते वह विवाह नहीं करना चाहती थीं। लेकिन परिवार द्वारा अत्यधिक बल देने पर वह राजी हो गई। इस तरह मीरा और भोजराज की शादी हो गई।

विदाई के समय मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण की एक मूर्ति भी अपने साथ ले गई जिसको वह बचपन से साथ रखती थीं। राजघराने की बहु होने के बाद भी सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहती थीं। मीराबाई और भोजराज की शादी के 10 वर्ष के बाद उनके पति भोजराज की मृत्यु हुई लेकीन अब तक इनकी कोई संतान नहीं थी।

भोजराज की मृत्यु कैसे हुई? (Bhojraj ki mrityu kaise hue)-

यह तो सब जानते हैं कि भोजराज (Bhojraj) की अपने पिता महाराणा सांगा के जीवित रहते ही सन 1526 ईस्वी में मृत्यू हो गई थी लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि भोजराज की मृत्यु कैसे हुई।

सन 1526 ईस्वी में भोजराज (Bhojraj) अपने पिता महाराणा सांगा के साथ युद्ध करने गए। इस समय बाबर और महाराणा सांगा के बिच तनातनी चल रही थी। कहते हैं कि इस युद्ध में भोजराज घायल हो गए और शरीर पर कई घाव लगे जिसके चलते कुछ समय पश्चात् भोजराज की मृत्यु हो गई। भोजराज सिंह सिसोदिया की मृत्यु को लेकर एक मत यह भी है कि उनको शराब की लत थी, वह ज्यादातर समय नशे में ही रहते थे। नशे की लत ही भोजराज की मृत्यु का कारण बनी.

भोजराज से सम्बन्धित बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न-

प्रश्न 1. भोजराज की मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर- गुजरात अभियान के दौरान युद्ध में घाव लगने की वजह से भोजराज की मृत्यु होना माना जाता हैं.

प्रश्न 2. भोजराज की मृत्यु कब हुई?

उत्तर-  1526 ईस्वी में.

प्रश्न 3. भोजराज  जन्म कब हुआ था ?

उत्तर- 1495 ईस्वी में.

प्रश्न 4. भोजराज के पिता कौन थे?

उत्तर- महाराणा सांगा।

प्रश्न 5. भोजराज की माता का नाम क्या था?

उत्तर-  भोजराज की माता का नाम कंवरबाई था.

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दोस्तों इस लेख में आपने भोजराज का इतिहास (Bhojraj History In Hindi) पढ़ा साथ ही यह भी जाना कि मीरा और भोजराज की शादी कैसे हुए और भोजराज की मृत्यु की वजह क्या रही. उम्मीद करते हैं यह लेख आपको अच्छा लगा होगा,धन्यवाद।