दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya), मौर्य साम्राज्य के चौथे और सम्राट अशोक के पौत्र थे। दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) 232 ईoपूo मौर्य साम्राज्य की कमान संभाली थी। सम्राट अशोक की तरह ही अपने जीवनकाल में अनेक गुहाओं का निर्माण करवाने वाले दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) ने आजीविकों के रहने के लिए बिहार (गया जिला ) स्थित नागार्जुन की पहाड़ियों को दान कर दिया था।
इन पहाड़ियों की गुहाओं पर उत्कीर्ण अभिलेखों को पढ़ने से ज्ञात होता हैं कि अपने दादा सम्राट अशोक की भाँति दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) को भी देवताओं का प्रिय अर्थात देवानाम्प्रिय नामक नाम से जाना जाता था।
दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) बौद्ध धर्म का अनुयायी था या नहीं इसका उल्लेख कहीं भी नहीं मिलता हैं।
यह भी पढ़ें– चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान का इतिहास और कहानी,Samrat Ashok History in Hindi.
दशरथ मौर्य का जीवन परिचय और इतिहास, Dashrath Maurya History-
पूरा नाम- दशरथ मौर्य।
जन्म वर्ष- 252 ईoपूo.
मृत्यु वर्ष- 224 ईoपूo.
पिता का नाम– तिवाला।
माता का नाम– सकारुवाकी।
दादा का नाम– सम्राट अशोक।
साम्राज्य– मौर्य साम्राज्य।
धर्म- बौद्ध धर्म।
उत्तराधिकारी- सम्प्रति।
पुराणों से मिले प्रमाणों के अनुसार राजा दशरथ मौर्य ने मौर्य साम्राज्य पर लगभग 8 वर्षों तक राज किया था। अगर सम्राट अशोक के बाद उसके उत्तराधिकारिओं की बात की जाए तो दशरथ और सम्प्रति का सबसे ज्यादा उल्लेख मिलता हैं।
जब राजा दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) ने कमान संभाली उस वक्त मौर्य साम्राज्य लगातार गिरता जा रहा था। राजा दशरथ के कार्यकाल के दौरान कई राज्य केंद्रीय नेतृत्व से अलग हो गए और स्वतंत्र हो गए। सम्राट अशोक द्वारा लागु किए गए नियमों, धार्मिक और सामाजिक नीतियों को जारी रखा।
सम्राट अशोक की मृत्यु के पश्चात् इतिहासकार रोमिला थापर और विन्सेंट स्मिथ ने लिखा की दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) और कुणाल के बिच राज्य को लेकर विभाजन हुआ था।
मौर्य साम्राज्य के तृतीय राजा सम्राट अशोक के बाद मौर्य साम्राज्य में शक्तिशाली राजा पैदा नहीं हुआ, इसलिए इनका इतिहास में बहुत काम उल्लेख मिलता हैं।
यह भी पढ़ें- मौर्य साम्राज्य / राजवंश का इतिहास, Maurya samrajya or maurya Rajvansh history in hindi.
दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) द्वारा नागार्जुन की गुफाओं के शिलालेख-
बाराबर और नागार्जुन की गुफाओं में दशरथ मौर्य द्वारा लिखित शिलालेख मिलते हैं, जो उसके इतिहास के प्रमाण मानें जाते हैं। ये शिलालेख दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) के शासनकाल को भी दर्शाते हैं। इन गुफाओं के नाम गोपिका, वदथीका और वापिया हैं। यह लगभग 230 ईसा पूर्व की बात हैं, इन अभिलेखों से यह भी ज्ञात होता हैं कि इस समय मौर्यों का बौद्ध धर्म अनन्य धर्म नहीं था।
इन गुफाओं की दीवारों का निर्माण ग्रेनाईट से हुआ हैं ,मौर्यकालीन शानदार पॉलिस से शानदार तरीके से सजाया गया हैं। इस प्रकार यह मौर्यकालीन उत्कृष्ट कला का अद्भुद नमूना हैं। वदथीका गुफ़ा के बाहर प्रवेश द्वार के ऊपर दशरथ मौर्य (Dashrath Maurya) का वैदिक शिलालेख मौजूद हैं।
दशरथ मौर्य की मृत्यु How Dashrath Maurya Died-
मौर्यवंश के बड़े सम्राटों में शामिल राजा दशरथ का सामान्य रूप से 224 ईoपूo में देहांत हो गया। इस तरह मौर्य साम्राज्य ने राजा दशरथ के रूप में एक और कलाप्रेमी और कुशल शासक खो दिया।
राजा दशरथ से सम्बंधित पूछें जानें वाले प्रश्न Questions and Answers Related to Dashrath Murya-
- दशरथ मौर्य के पुत्र का नाम क्या था ?
उत्तर- दशरथ मौर्य के पुत्र का नाम कुणाल था।
2. मौर्य शब्द की उत्पति कैसे हुई ?
उत्तर- मौर्य साम्राज्य की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके प्रधानमंत्री चाणक्य ने की थी।
3. दशरथ मौर्य के पिता का क्या नाम था ?
उत्तर- दशरथ मौर्य के पिता का नाम तिवाला था।
4. शतधन्वन कौन था ?
उत्तर- मौर्य साम्राज्य के अंतिम राजा ब्रहद्रथ के पिता।
5. दशरथ मौर्य किसका पुत्र था?
उत्तर- दशरथ मौर्य तिवाला का पुत्र था।
दशरत मौर्य (Dashrath Maurya) के जीवन पर आधारित यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट करके अपनी राय जरूर दें, धन्यवाद।
यह भी पढ़ें– चन्द्रगुप्त मौर्य का इतिहास और जीवन परिचय Chandragupta Maurya History in Hindi.
बहुत अच्छी जानकारी है राजा दशरथ की