एक श्लोकी रामायण- 1 मंत्र में छिपा हैं रामायण का सार.

एक श्लोकी रामायण को सारगर्भित रामायण भी कहा जा सकता हैं. अर्थात यह रामायण का सार हैं. 

रामायण का पाठ करना बहुत जरुरी हैं क्योंकि इससे नकारात्मकता तो दूर होती ही हैं साथ ही हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता हैं. आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में लोगों के पास समय का अभाव हैं. ऐसे में रामायण का नित्य पाठ करना संभव नहीं होता हैं. अतः ऐसे में यहाँ आपको एक मंत्र जो सम्पूर्ण रामायण का सार हैं बताया जा रहा हैं. इस मंत्र का जाप करके आप रामायण पाठ का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

रामायण का सार एक मंत्र में या एक श्लोकी रामायण

एक श्लोकी रामायण का अर्थ हैं एक श्लोक में सम्पूर्ण रामायण का सार. एक श्लोकी रामायण निम्नलिखित हैं-

आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

इस श्लोक का अर्थ हैं-

भगवान श्रीराम वनवास गए, वहाँ पर स्वर्ण मृग का वध किया। माता सीता का रावण ने हरण कर लिया, रावण ने जटायु को मार गिराया, भगवान श्रीराम और महाराज सुग्रीव की मित्रता हुई।। 

 बाली का वध किया, समुद्र को पार किया और लंका दहन किया। रावण और कुम्भकरण का वध किया, यह हैं रामायण।।

मंत्र का जप कब करें?

जहाँ तक संभव हो प्रतिदिन सुबह के समय इस रामायण के सारगर्भित मंत्र का जाप करना चाहिए। क्योंकि यह एक श्लोकी रामायण हैं. सुबह स्नान करने के बाद भगवान श्रीराम का स्मरण करते हुए कम से कम 108 बार इस मंत्र का जप करने से फायदा मिलता हैं.  लेकिन जिन लोगों के पास समय बहुत कम होता हैं वो लोग 11 या 21 पाठ करके भी पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

एक श्लोकी रामायण का लाभ

एक श्लोकी रामायण मंत्र जा जाप करने से जीवन की विकट से विकट समस्या का समाधान हो जाता हैं, साथ ही मनुष्य के पाप भी ख़त्म होते हैं.

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