क्या इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देश एकजुट हो पाएंगे?

5 अक्टूबर से हमास और इजराइल के बिच युद्ध छिड़ा हुआ हैं, ऐसे में सवाल यह हैं कि इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देश एकजुट हो पाएंगे. इस लेख में हम यह जानने की कोशिस करेंगे कि क्या वाकई में इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देश एकजुट हो पाएंगे?

फिलिस्तीन के लोगों को उम्मीद हैं की इजराइल के खिलाफ सभी अरबी देशों को एकजुट होना चाहिए लेकिन इसकी सम्भावना बहुत कम ही लग रही हैं.

हमले के बाद इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया

इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देश एकजुट हो पाएंगे या नहीं यह जानने के लिए विभिन्न मुस्लिम देशों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर ध्यान देना जरुरी हैं ताकि आपको यह अच्छे से समझ में आ जाए की कौन किसके साथ हैं.

संयुक्त अरब अमीरात– संयुक्त अरब अमीरात ने हमास के हमले की निंदा की और ऐसे तनाव बढ़ाने वाला बताया हैं वहीं विदेश मंत्रलय ने यह भी कहा कि इजराइल के लोगों को अगवा करने की खबर से हम स्तब्ध हैं.

बहरीन– बहरीन ने भी इजराइल पर हमास के हमले की निंदा की और बयान जारी किया कि “हमास के हमले की वजह से माहौल तनावपूर्ण स्तर पर पहुँच गया गया हैं, इसकी वजह से आम लोगों का जीवन खतरे में पद गया हैं”.

कुवैत, ओमान और कतर- इन देशों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया हैं. और कहा की फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा मिलना चाहिए और उसकी राजधानी यरूशलम होनी चाहिए साथ ही उसके इस हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया हैं.

मलेशिया, पाकिस्तान और अफगानिस्तान– इन तीनों देशों ने फिलिस्तीनियों का समर्थन किया हैं.

मोरक्को- मोरक्को गाजा में सैन्य कार्यवाही से चिंता में हैं, आम नागरिकों पर हुए हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह गलत हैं चाहे कही पर भी हो.

सभी मुस्लिम देशों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं, अधिकतर देश फिलिस्तीन को सपोर्ट तो कर रहे हैं लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. कुछ देशों ने एकजुटता दिखाई तो कुछ ने मध्यस्था. सब देशों के अपने स्वार्थ और विदेश निति भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं की कहाँ पर क्या बोलना हैं और कहाँ पर नहीं.

इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देश एकजुट हो पाएंगे

फ़िलहाल इसकी सम्भावना कम ही नजर आती हैं लेकिन यदि ऐसा होता हैं तो बड़े स्तर पर युद्ध देखने को मिल सकता हैं क्योंकि दूसरे देशों द्वारा हमास या फिलिस्तीन का समर्थन करने पर इजराइल के समर्थक देश भी आगे आएंगे जिससे देश और दुनियां में तनावपूर्ण स्थिति पैदा होगी हैं.

अरब देश भी मामले को सुलझाना चाहते है क्योंकि उन्हें पता हैं नुकसान उनको ही होना हैं. ऐसे में इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देश एकजुट हो पाएंगे यह कहना अभी मुश्किल हैं.

विश्व के पावरफुल देशों में शुमार भारत, अमेरिका जैसे देशों ने इजराइल का समर्थन किया हैं.

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