जयचंद पर शायरी (Jaichand par shayari) या फिर जयचंद पर कविता ( jaichand par Kavita) से पहले जयचंद का अर्थ जानते हैं।
जयचंद का अर्थ वास्तव में तो यह है कि कन्नौज के प्राचीनतम विजयी राजा होता है, मगर कन्नौज के राजा जयचंद के कुछ गलत कामों की वजह से जयचंद का अर्थ बदल गया।
जैसा कि आप जानते हैं राजा जयचंद ने मोहम्मद गौरी का साथ दिया और पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ़ युद्ध भूमि में उतरा था।
इसी गद्दारी की वजह से जयचंद का अर्थ ही बदल गया। आज के समय में गद्दार, धोखेबाज, देशद्रोही और घर के भेदी को जयचंद कहा जाता हैं। जब इतिहास में जयचंद का नाम आता है तो लोगों के मन में कन्नौज के राजा जयचंद के प्रति गलत या नकारात्मक छवि का भाव उभर आता हैं।
आज जयचंद का अर्थ ही अनर्थ में बदल गया। जयचंद का अर्थ कन्नौज के विजयी राजा से अब गद्दार और धोखेबाज रह गया है।
जयचंद का अर्थ जो वर्तमान में इस पर आम लोगों में तरह तरह के विचार है, साथ ही कई कविताएं ( jaichand par Kavita ) और शायरियां ( Jaichand par shayari ) प्रचलित हैं। इसको आप गद्दार कविता भी कह सकते हैं।
जयचंद पर शायरी (Raja jaichand par shayari)-
सबसे पहले इस आर्टिकल के माध्यम हम जयचंद पर प्रचलित शायरी ( jaichand par shayari) पढ़ेंगे।
(1). अगर जयचंद नहीं होते देश में, तो डंके बज रहे होते हिंदुस्तान के विदेश में।।
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(2). कुछ जयचंदों की वजह से देश में हालात बिगड़ सकते हैं।
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(3). जिस देश में मीर जाफर और जयचंद जैसे लोग होते हैं, यकीनन दुश्मनों के हौंसले बुलंद होते हैं।
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(4). अपने कहूँ या आस्तीन के साँप, चलो जयचंद बोल देता हूं।
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(5). जयचंद का अर्थ क्या बताऊं, यह मान लो कि जिस थाली में खाऊं उसी में छेद करवाऊं।
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(6). देश से गद्दारी करने वाला जयचंद,नमक हरामी करने वाला जयचंद। अपनों के खिलाफ़ जाने वाला जयचंद,धोखा करने वाला जयचंद।
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(7). ऐसे ही पता न चलता वीर सपूतों के ठिकानों का गैरों को, किसी जाफर या जयचंद ने बताया होगा गद्दारों को।
जयचंद पर शायरी
(8). हर देशद्रोही का प्रतिकार होगा, जितने भी जयचंद हैं उन पर वार होगा।
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(9). सरहदों पर दुश्मनों की पहचान सैनिक कर लेंगे, लेकिन भीतर के जयचंदों की तो कहकर लेंगे।
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(10). हमारे हृदय में मुक्तक छंद बसते हैं, वहां हम जाते नहीं जहां जयचंद बसते हैं।
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(11). जयचंदों ने लूटा देश को अपने स्वार्थ के लिए, वीरों ने जान न्यौछावर की देश की शान के लिए।
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(12). हमारे देश भारत में 4 तरह के लोग हैं ज्ञानचंद, रायचंद, जयचंद और हुकुमचंद। अगर कुछ लोग भी कर्मचंद बन जाए तो जीवन बदल सकता हैं।
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जयचंद पर कविता jaichand par Kavita-
- जयचंद पर कविता से आप जयचंद का अर्थ बहुत अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यह जयचंद की गद्दारी पर कविता हैं (गद्दार कविता).
स्वतंत्र देश में, परतंत्रता कुछ लोगों के दिमाग में हैं। राजा हरिश्चंद्र के देश में गद्दारी कुछ लोगों के दिमाग में हैं।।
jaichand par Kavita
सोचा पढ़ लिखकर स्वामी विवेकानंद जैसा नाम करेंगे,दहल गया दिल जब यह जाना जयचंद जैसा काम करेगें।।
jaichand par Kavita
उस दिन मां – बाप का बड़ा पार होगा,उस दिन समाज का उद्धार होगा,जिस दिन घर – घर में जयचंद नहीं विवेकानन्द होगा।।
jaichand par Kavita
जब अपने ही शामिल हो, दुश्मनों की चाल में। तब शेर भी फंस जाता हैं, मकड़ी की जाल में।।
jaichand par Kavita
दिल के हाथों मजबूर होकर मौका दे दिया।बस इसी का फायदा उठाकर जयचंदों ने धोखा दे दिया।।
जयचंद पर कविता
हमें भी हमारे यार पर बड़ा गुरुर था। जिस पर ऐतबार किया वो ही गद्दार था।।
जयचंद पर कविता
रूठ गया वो मुझसे दर्द किस बात का था। समझ यह नहीं, वो जानकर मेरे हर जज़्बात से था।।
जयचंद पर कविता
घाव मेरे दिल के भर जाएंगे,आंसू मोती बनकर बाहर आएंगे। दुनियां वालों मत पूछना क्या हुआ,वरना कुछ जयचंदों के चेहरे उतर जायेंगे।
जयचंद पर कविता
विश्वास में जब विष मिल जाए तो चलेगा, लेकिन अगर कोई जयचंद मिल जाए तो नहीं।
जयचंद पर कविता
रहो सावधान भौहें तानकर,साथ निभाओ पुरा जानकर। जयचंद आया हैं या इंसान,विश्वास करो पूरा जानकर।
यह भी पढ़ें – राजा जयचंद का इतिहास ( Raja jaichand history )
राजा जयचंद गद्दार नहीं थें | क्योंकि उनके कारन ही मोहब्बत गौरी मारा गया था | उन्होंनें अंधे पृथ्वी राज चहुवान को ही मारने से पहले एक शायरी काहा था | वो शायरी यह है- चार बास चौबिस गज चार अंगुल अस्त प्रमान बैठा है शुतान ना चुके चहुवान |
अंत मैं यह कहना चाहता हूँ कि जो सच्चा हिन्दूस्तान है वह राजा जयचंद को गाली नहीं देंगा
bhai saab wo to chandra bardai tha jisne char baas choudis gaj kaha tha.
yes sir
यह श्लोक चंद्रबरदाई जी ने बोला था ना कि राजा जयचंद ने.