जो जीता वही चंद्रगुप्त मौर्य हैं ना कि सिकंदर (Jo Jeeta Vahi Chandragupta Maurya) जबकि हमारे कुंठित मानसिकता के इतिहासकारों ने इतिहास लिखने में ही घोटाला कर दिया।
जो जीता वही चन्द्रगुप्त मौर्य (Jo Jeeta Vahi Chandragupta Maurya)
जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर सिकंदर कैसे हो गया? जबकि सिकंदर की सेना चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से ही डर गई, डर इतना था कि सिकंदर ने उसके सेनापति सेल्यूकस की बेटी है हेलीना की शादी चंद्रगुप्त से करवा कर अधीनता स्वीकार कर ली।

चंद्रगुप्त मौर्य विश्व का सबसे प्रतापी सम्राट था, जिसके नाम का डंका न सिर्फ भारत बल्कि संपूर्ण विश्व में बजता था. नंद वंश के राजा धनानंद एक ऐसे राजा थे जिन्हें विश्व का कोई भी राजा पराजित करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था लेकिन आचार्य चाणक्य की नीतियों की मदद से मौर्य वंश के प्रथम शासक चंद्रगुप्त मौर्य ने धनानंद को पराजित कर दिया, इसलिए कहते हैं Jo Jeeta Vahi Chandragupta Maurya.
धनानंद पर मिली जीत से सिकंदर आश्चर्यचकित था कि चंद्रगुप्त मौर्य ने एक अविश्वसनीय कार्य किया इसके परिणाम स्वरूप सिकंदर के मन में चन्द्रगुप्त मौर्य को लेकर डर बैठ गया।
एक ऐसा डर जो कभी नहीं निकला।
सिकंदर के बारे में बात की जाए तो उसने अपने ही चचेरे भाइयों को मौत के घाट उतारकर सत्ता हासिल की थी, जो व्यक्ति चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से ही काँपता था वह महान कैसे हो सकता है? यह तथाकथित इतिहासकारों द्वारा फैलाई गई अफवाह है.
अगर सिकंदर महान था तो चंद्रगुप्त मौर्य को पराजित क्यों नहीं कर पाया? अगर सिकंदर महान था तो अपने सेनापति की बेटी का विवाह चंद्रगुप्त मौर्य के साथ करके अधीनता क्यों स्वीकार की? याद रखें जो जीता वही चंद्रगुप्त हैं ना कि सिकंदर। (Jo Jeeta Vahi Chandragupta Maurya)
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तो दोस्तों जो जीता वही चन्द्रगुप्त मौर्य (Jo Jeeta Vahi Chandragupta Maurya) पर आधारित यह जानकारी आपको कैसे लगी,कमेंट करके अपनी राय जरूर दें, धन्यवाद।
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