खंडेराव दाभाड़े (Khanderao Dabhade) तालेगांव दाभाड़े सरसेनापत दाभाड़े परिवार के संस्थापक संरक्षक थे जो दो भाइयों में सबसे बड़े थे। इनके पिता येसाजीराव दाभाड़े मराठा साम्राज्य के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के अंगरक्षक थे। खंडेराव दाभाड़े के दादा का नाम बजाजी दाभड़े था।
11 जनवरी 1717 को छत्रपति शिवाजी महाराज के पोते साहूजी महाराज द्वारा इन्हें मुख्य सेनापति बनाया गया जो वंशानुगत था।
खंडेराव दाभाड़े का इतिहास और कहानी (Khanderao Dabhade History In Hind) –
- पूरा नाम Full Nmae – खंडेराव दाभाड़े (Khanderao Dabhade).
- पिता का नाम Fathers Name– येसाजीराव दाभाड़े.
- माता का नाम Mothers Name– वलाहिबाई दाभाड़े.
- जन्म वर्ष Birth Year – 1665 ईस्वी.
- जन्मस्थान Birth place– तालेगांव दाभाडे, ज़िला -पुणे, महाराष्ट्र.
- मृत्यु तिथि Death -27 सितंबर 1729.
- मृत्यु स्थान Death place – जूना रजवाड़ा, तालेगांव दाभाडे, ज़िला -पुणे, महाराष्ट्र.
- पत्नी का नाम Khanderao Dabhade Wifes Name– उदाबाई, पार्वतीबाई और उमाबाई दाभाड़े.
- पुत्र और पुत्री Khanderao Dabhade Childrens – इनके 3 पुत्र त्रिम्बक राव दाभाडे, यशवंतराव प्रथम, सवाईबाबू राव और 3 पुत्रियाँ शाहबाई, दुर्गाबाई और आनंदीबाई.
- पद – मराठा साम्राज्य के सेनापति, सतारा के सरसेनापति और तालेगांव दाभाडे के सरदार.
- धर्म – हिंदू, सनातन.
- कार्यकाल – 11जनवरी 1717 से 27 सितंबर 1729 तक.
जब बात मराठा साम्राज्य की हो तो दाभाड़े परिवार के योगदान की गवाही खुद इतिहास देता है। मराठा साम्राज्य में कई परिवार ऐसे थे जिन्होंने वंशानुगत रूप से अपनी सेवाएं प्रदान की जिनमें पेशवा परिवार, दाभाडे परिवार, होलकर और सिंधिया जैसे परिवारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
प्राचीन समय में या फिर ऐसा कहें कि राजा महाराजाओं के जमाने में जिन परिवारों का वंशानुगत रूप से राज परिवारों के लिए जो योगदान रहता था वह बहुत ही ईमानदारी पूर्ण और कर्तव्य पूर्ण होता था।
पारंपरिक रूप से जब कोई राजा या सरदार बनता था तो उसमें युद्ध करने की कला, साहस, दूरदर्शिता और राष्ट्रप्रेम जन्मजात प्रतिभा के रूप में उभरता था। खंडेराव दाभाड़े (Khanderao Dabhade) भी उनमें से एक थे। इनके पिता छत्रपति शिवाजी महाराज के मुख्य अंगरक्षक के रूप में कार्यरत थे।11 जनवरी 1717 को खंडेराव दाभाडे को मराठा साम्राज्य का सेनापति बनाया गया।
सरसेनापति खंडेराव दाभाड़े(Khanderao Dabhade) ने 1720-20 में इंदौरी किले (Induri Fort) का निर्माण किया जो “सरसेनापति दाभाड़े गढ़ी” के नाम से प्रसिद्ध हैं।
सरसेनापति खंडेराव दाभाड़े की मृत्यु-
27 सितंबर 1729 का दिन, मराठा साम्राज्य और दाभाड़े परिवार के लिए काले दिन के रूप में याद किया जाता है। इस दिन मराठा साम्राज्य के महान सेनापतियों में से एक सरसेनापती खंडेराव दाभाडे की मृत्यु (Khanderao Dabhade died ) हो गई।
सेनापति खंडेराव दाभाडे की मृत्यु (Khanderao Dabhade) के पश्चात उनकी विधवा पत्नी उमाबाई दाभाडे को सरसेनापति बनाया गया। 1732 ईस्वी में मराठा साम्राज्य के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी महिला को कमांडर इन चीफ बनाया गया।
सेनापति खंडेराव दाभाडे की समाधि उनके पैतृक गांव तालेगांव दाभाडे में “श्रीमंत सरसेनापति दाभाडे बाणेश्वर मन्दिर” में स्थित हैं। सेनापति खंडेराव दाभाड़े की याद में उनके पैतृक गांव तालेगांव दाभाड़े में पुराने रजवाड़े की दीवारों पर उनकी पेंटिंग प्रदर्शनी (उनकी फ़ोटो) लगाई गई हैं।
यह भी पढ़ें –Savitribai Phule सावित्री बाई फुले की जीवनी हिंदी में।
2 thoughts on “खंडेराव दाभाड़े (Great Khanderao Dabhade) का इतिहास।”