रामसेतु की सच्चाई क्या हैं? Ram Setu के बारे में जानकारी।

विश्व का सबसे अद्भुत और सच्चे प्रेम का प्रतीक हैं रामसेतु (Ram Setu history in hindi).  रामसेतु मार्ग का निर्माण वानर सेना द्वार नील व नल के सानिध्य में हुआ। भगवान श्री राम और माता सीता के असीम प्रेम की निशानी के तौर पर विश्व विख्यात रामसेतु मार्ग का निर्माण रामेश्वरम से लंका जाने के लिए किया गया था।

तमिलनाडु भारत के दक्षिण पूर्वी तट के किनारे रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका के उत्तरी तट पर मन्नार द्वीप के बिच में भगवान श्री राम और वानर सेना द्वारा माता सीता को रावण से मुक्त करवाने के लिए रामसेतु पुल (Ram Setu) का निर्माण किया गया था ताकि समुद्र को पार किया जा सके।

भौगौलिक प्रमाणों से पता चलता है कि रामसेतु भारत और श्रीलंका को आपस में जोड़ने के लिए बना मार्ग था। लेकिन वास्तव में इसका निर्माण नल और नील द्वारा किया गया था। इसका साक्ष्य रामायण में मिलता हैं। रामसेतु की सच्चाई क्या हैं? रामसेतु की सच्चाई जानना चाहते हैं कि तो यह लेख पुरा पढ़ें।

Ram Setu history in Hindi.
Ram Setu

Ram Setu के बारे में जानकारी और रामसेतु का इतिहास (Ram Setu history in hindi)-

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि रामसेतु की सच्चाई क्या हैं? रामसेतु कितना किलोमीटर लंबा है? क्या रामसेतु अभी भी हैं? रामसेतु से श्रीलंका कितना दूर हैं? सेतु बांध कितने दिनों में बना था? या रामसेतु पुल कितने दिनों में बना था? रामसेतु कहां पर है? Ram Setu के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह लेख पुरा पढ़ें।

  • रामसेतु कहां स्थित हैं- तमिलनाडु (रामेश्वरम).
  • किसने बनवाया- श्रीराम जी ने।
  • निर्माणकर्ता- नल और नील (वानर सेना).
  • कितने वर्ष पूर्व निर्माण हुआ- आज से लगभग 3500 वर्ष पूर्व।
  • रामसेतु की लंबाई- 48 किलोमीटर (Nasa के अनुसार).
  • कहां से कहां तक– भारत से श्रीलंका।
  • धार्मिक सम्बन्ध- हिन्दू सनातन धर्म।
  • निर्माण की वजह- असुर रावण से माता सीता को मुक्त करवाने हेतु लंका जाने के लिए।
  • आज भी मौजुद हैं- जी, हां।
  • इसको देखा जा सकता हैं- हां,लेकिन सैटेलाइट द्वारा।

क्या रामसेतु सच में हैं? Is Ram Setu real?

रामसेतु का इतिहास बहुत पुराना है, इसका सीधा सम्बन्ध रामायण काल से हैं इसलिए कुछ विरोधी विचारधारा और कथित रूप से बुद्धिजीवी लोग इसकी मान्यता और हकीकत को मनाने के लिए तैयार नहीं हैं।

जी, हां रामसेतु (Ram Setu) आज भी हैं और पानी में डूबा हुआ होने की वजह से सीधा दिखाई नहीं देता है। सैटेलाइट और Google Map के द्वारा इसको देखा जा सकता हैं। यह विचारणीय बिंदु नहीं है, हजारों सालों से सच्चे प्रेम का प्रतीक रामसेतु मार्ग ज्यों का त्यों हैं। कवि कालिदास की रघुवंश में रामसेतु (Ram Setu) सच सामने आता हैं। इसका वर्णन अग्नि पुराण, वायु पुराण, ब्रह्म पुराण और स्कंध पुराण में मिलता हैं।

विश्व के सबसे बड़े अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान Nasa ने रामसेतु से सम्बन्धित फ़ोटो खींचे हैं जिनमें साफ तौर पर रामसेतु (Ram Setu) का फोटो देखा जा सकता हैं। भारत के दक्षिण में धनुषकोटी और श्रीलंका के उत्तर पश्चिम में समुद्र में 48 किलोमीटर लंबा यह सेतु साफ दिखाई देता हैं।

रामसेतु कहां पर हैं? Where is Ram Setu?

आज भी कई लोग यह नहीं जानते हैं कि रामसेतु कहां पर हैं, रामसेतु भारत के दक्षिण पूर्वी तट के किनारेे रामेश्वरम द्वीप तथा श्रीलंका के उत्तर पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप पर स्थित हैं।

इसका निर्माण पत्थरों द्वारा किया गया,आज भी यहां पर तैरते हुए पत्थर मौजुद हैं। यह बहुत बड़ी विडंबना हैं कि भारत की कुछ राजनैतिक दलों ने रामसेतु (Ram Setu) को काल्पनिक बताते हुए टीका टिप्पणी की थी।

रामसेतु की आयु या रामसेतु कितने समय पहले बना था? How long ago was Ram Setu built?

वाल्मीकि जी द्वारा लिखित रामायण में रामसेतु की आयु की विस्तृत जानकारी मिलती हैं। रामायण के अनुसार रामसेतु की आयु देखी जाए तो यह लगभग 3500 वर्ष पूर्व बना था।

वहीं दूसरी तरफ आधुनिक मान्यताओं के अनुसार रामसेतु की आयु 7 हजार वर्ष से भी अधिक पुरानी बताई गई हैं। समाज का एक तबका रामसेतु की आयु लगभग 17 लाख वर्ष पूर्व बताते हैं।

रामसेतु की आयु और भगवान राम का सम्बन्ध होने की वजह से यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता हैं कि रामसेतु (Ram Setu) की आयु आज से लगभग 3500 वर्ष पूर्व ही सत्य प्रतीत होती हैं।

पत्थर पर श्री राम लिखकर Ram Setu का निर्माण करती वानर सेना।
पत्थर पर श्री राम लिखकर Ram Setu का निर्माण करती वानर सेना।

रामसेतु कितना किलोमीटर लंबा है? How long is Ram Setu?

अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान Nasa के अनुसार रामसेतु (Ram Setu) 48 किलोमीटर लंबा है। क्योंकि यह आधुनिक और वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित हैं तो हम इसकी लंबाई 48 किलोमीटर मान सकते हैं।

रामसेतु पुल कितने दिनों में बना था? और रामसेतु की विशेषता In how many days was the Ram Setu bridge built?

रामसेतु पुल 5 दिनों में बना था। अतिशीघ्र लंका पहुंचने के लिए नल और नील के सानिध्य में निर्मित रामसेतु पुल महज 5 दिनों में बनकर तैयार हो गया। रामायण में इसका वर्णन मिलता हैं।

रामसेतु (Ram Setu) की विशेषता की बात की जाए तो यह इसकी लम्बाई 100 योजन बताई जाती हैं जबकि इसकी चौड़ाई 10 योजन है। वहीं NASA ने रामसेतु की कुल लम्बाई 48 किलोमीटर बताई है। NASA के अनुसार यह पट्टीनुमा दिखाई पड़ता हैं।रामसेतु को नकारने वाले लोगों के मुंह पर यह तमाचा है।

पत्थर पर श्री राम लिखकर Ram Setu का निर्माण करती वानर सेना।
पत्थर पर श्री राम लिखकर Ram Setu का निर्माण करती वानर सेना।

रामसेतु के बारे में रोचक जानकारी, Interesting information about Ram Setu और रामसेतु से सम्बन्धित 20 मुख्य बिंदु-

1. रामसेतु का निर्माण भगवान श्री राम की सेना जब लंका में जा रही थी, तब समुद्र को पार करने के लिए किया गया था।

2. रामसेतु (Ram Setu) को बनाने में वानर सेना का बहुत बड़ा योगदान था जोकि नल और नील के सानिध्य में काम कर रही थी।

3. रामसेतु को विश्व का सबसे बड़ा प्यार का प्रतीक माना जाता है।

4. राम सेतु (Ram Setu) मार्ग को भगवान श्री राम और माता सीता के प्रेम की निशानी के तौर पर भी देखा जाता है।

5. रामसेतु मार्ग आज भी मौजूद हैं लेकिन समुद्र के पानी की वजह से दिखाई नहीं देता है।

6. सैटेलाइट और गूगल मैप की सहायता से रामसेतु मार्ग पानी में स्पष्ट रूप से नजर आता है।

7. रामसेतु मार्ग का निर्माण करते समय पत्थरों पर भगवान श्री राम का नाम लिखकर उन्हें पानी में डाला गया और वह तैरने लग गए, यह बिल्कुल सत्य है क्योंकि आज भी उस समुद्र में तैरते हुए पत्थर दिखाई देते हैं।

8. राम सेतु (Ram Setu) मार्ग की कुल लंबाई 48 किलोमीटर है।

9. रामसेतु का निर्माण महज 5 दिनों में पूरा हो गया था।

10. राम सेतु का निर्माण 5 दिनों में पूरा हुआ था, इसके तहत प्रथम दिन 14 योजन, द्वितीय दिन 20 योजन, तृतीय दिन 21 योजन और चतुर्थ दिन 22 योजन के साथ पांचवे और अंतिम दिन 23 योजन का कार्य पूरा किया गया था।

11. रामसेतु (Ram Setu) बनाने वाली वानर सेना का नेतृत्व हनुमान जी और महाराज सुग्रीव कर रहे थे।

12. धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने से पता चलता है कि रामसेतु की लंबाई 100 योजन और चौड़ाई 10 योजन है।

13. क्योंकि नील और नल शिल्पकार विश्वकर्मा के पुत्र थे इसलिए रामसेतु के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुराणों में नल और नील को रामसेतु का प्रथम  शिल्पकार या इंजीनियर माना जाता है।

14. रामसेतु मार्ग दक्षिण पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच बना हुआ है।

15. इतिहासकार बताते हैं कि 15वीं शताब्दी तक रामसेतु पर चलकर रामेश्वरम से मन्नार द्वीप तक लोग पैदल चल कर जाते थे।

16. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रामसेतु 3500 साल पुराना है, जबकि कुछ लोग इसे 7000 साल पुराना बताते हैं।

17. वैज्ञानिकों की मान्यता है कि रामसेतु के निर्माण में इस्तेमाल किए गए पत्थर प्यूमाइस स्टोन थे, इनकी उत्पत्ति ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा से होती है।

18. सन 2007-2008 में कांग्रेस सरकार ने रामसेतु को तोड़ने का प्रयास किया गया था।

19. रामायण कालीन ऐतिहासिक स्थानों में से सबसे महत्वपूर्ण स्थान रामसेतु मार्ग (Ram Setu) को माना जाता है।

20. पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिकों द्वारा रामसेतु मार्ग (Ram Setu) की सत्यता को प्रमाणित किया जा चुका है।

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तो दोस्तों इस लेख में आपने जाना कि रामसेतु की सच्चाई क्या हैं? रामसेतु कितना किलोमीटर लंबा है? क्या रामसेतु अभी भी हैं? रामसेतु से श्रीलंका कितना दूर हैं? सेतु बांध कितने दिनों में बना था? या रामसेतु पुल कितने दिनों में बना था? रामसेतु कहां पर है? यह लेख आपको अच्छा लगा हैं तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।