रानी लक्ष्मीबाई का झलकारी बाई से क्या संबंध था (Rani Laxmi Bai-Jhalkari Bai sambandh) यह बताने से पहले यह जानना जरूरी है कि झलकारी बाई कौन थी? 22 नवंबर 1830 को जन्मी झलकारी बाई निडर, निर्भीक और वीर थी. झलकारी बाई के प्रारंभिक जीवन से रानी लक्ष्मीबाई से कोई संबंध (Rani Laxmi Bai-Jhalkari Bai sambandh) नहीं था. लेकीन कहते हैं कि भगवान ने जो लिख दिया वो होकर रहता हैं.
झांसी के समीप एक छोटे से गांव में जन्म लेने वाली झलकारी बाई जब छोटी थी तभी उनकी माता का देहांत हो गया. माता के देहांत के बाद उनके पिता ने लड़के की तरह उनका पालन पोषण किया. झलकारी बाई युद्ध कला में निपुण थी. आसपास के इलाकों में इनकी वीरता के चर्चे होते थे.
इसी वीरता और बहादुरी के कारण उनका विवाह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के सेनापति पूरण कोरी के साथ हुआ. इस विवाह के बाद झलकारी बाई अप्रत्यक्ष रूप से रानी लक्ष्मीबाई के साथ जुड़ गई. गौरी पूजा के समय राज्य की सभी महिलाएं रानी लक्ष्मीबाई से मिलने के लिए उनके महल में पहुंची, झलकारी बाई भी उनमें से एक थी. झलकारी बाई को देखकर रानी लक्ष्मीबाई आश्चर्य में पड़ गई क्योंकी दोनों की शक्ल एक दुसरे से काफ़ी हद तक मिलती थी.
रानी लक्ष्मीबाई ने भी झलकारी बाई की बहादुरी के किस्से सुन रखे थे इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने झलकारी बाई को दुर्गा नामक सेना की एक टुकड़ी में शामिल कर लिया और मुख्य पद दिया.
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रानी लक्ष्मीबाई का झलकारी बाई से संबंध (Rani Laxmi Bai-Jhalkari Bai sambandh).
ऊपर संक्षिप्त में लिखी जानकारी के आधार पर आप जान गए होंगे कि रानी लक्ष्मीबाई का झलकारी बाई से संबंध (Rani Laxmi Bai-Jhalkari Bai sambandh) कैसा था फिर भी हम उन दोनों के सम्बन्ध को निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर जानेंगे.
1. रानी लक्ष्मीबाई का झलकारी बाई से पहला सम्बन्ध (Rani Laxmi Bai-Jhalkari Bai sambandh) यह था कि उन दोनों की शक्ल आपस में मिलती थी, पहली बार रानी लक्ष्मीबाई ने जब झलकारी बाई को देखा तो वह आश्चर्य चकित रह गई.
2. रानी लक्ष्मीबाई का झलकारी बाई से रानी और सेनापति का सम्बन्ध भी था.
3. जब भी रानी लक्ष्मीबाई पर विपदा आती, “दुर्गा सेना” प्रमुख झलकारी बाई उनका भेष धारण करके अंग्रेजों को मात देती थी.
4. झलकारी बाई रानी लक्ष्मीबाई के सेनापति की पत्नी थी.
तो दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई के बीच क्या संबंध था. अंग्रेजो के खिलाफ लड़ी गई 1857 की क्रांति में झलकारी बाई ने रानी लक्ष्मीबाई का बहुत साथ दिया था. हरित द्वारा लिखित कुछ लाइनें झलकारी बाई के जीवन के सम्बन्ध बहुत बया करती हैं जो निम्नलिखित हैं –
लक्ष्मीबाई का रुप धार, झलकारी खड़ग संवार चली। वीरांगना निर्भय लश्कर में, शस्त्र अस्त्र तन धार चली।।
इसी तरह राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त द्धारा भी उनके सम्बन्ध में कुछ पंक्तियां लिखी जो इस प्रकार हैं –
जा कर रण में ललकारी थी,वह तो झांसी की झलकारी थी। गोरों से लड़ना सीखा गई, हैं इतिहास में झलक रही, वह भारत की ही नारी थी।।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई के बीच में प्रत्यक्ष रूप से तो कोई संबंध नहीं था लेकिन प्रत्यक्ष रूप से दोनों अंग्रेजो के खिलाफ लोहा ले रही थी.
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