थार मरुस्थल (Thar Marusthal) राजस्थान में स्थित है. थार के मरुस्थल का 85% भाग भारत में जबकि 15% भाग पाकिस्तान में आता हैं. यह भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल है. भारत के थार मरुस्थल का 61.11% भाग राजस्थान में आता है। थार मरुस्थल को “महान भारतीय मरुस्थल” (Great Indian Desert ) के नाम से भी जाना जाता है.
भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिम भाग में स्थित थार का मरुस्थल शुष्क है. क्षेत्रफल के आधार पर थार मरुस्थल का विश्व में 17 वाँ स्थान है तथा विश्व के सबसे गर्म उष्णकटिबंधीय मरुस्थलों में इसका नंबर 9 वाँ हैं. थार मरुस्थल की विशालता का अंदाजा इस आधार पर लगाया जा सकता है कि यह भारत और पाकिस्तान में कुल मिलाकर 77000 वर्ग मील (2 लाख वर्ग किलोमीटर) में फैला हुआ है.
थार मरुस्थल राजस्थान के अलावा हरियाणा, गुजरात और पंजाब में भी फैला हुआ है. इस मरुस्थल की लंबाई उत्तर से दक्षिण की ओर 640 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम की तरफ इसकी चौड़ाई लगभग 300 किलोमीटर है. राजस्थान का थार मरुस्थल एक उष्णकटिबंधीय मरुस्थल है. पाकिस्तान में इस मरुस्थल को थाल (चेलिस्तान) नाम से जाना जाता हैं.
थार के मरुस्थल की उत्पत्ति और इतिहास (Thar Marusthal ki utpati and history)
मरूस्थल का अर्थ होता हैं वह मृत-भूभाग जहां पर वनस्पति नहीं पनप सके और यदि जीवजंतु होते भी हैं तो वो इसके अनुकूल या फिर संघर्ष करते हैं. मरुस्थली इलाकों में वर्षा नहीं के बराबर होती है.
क्या आप जानते हैं कि थार मरुस्थल के निर्माण के कारण क्या हैं? आज से करोड़ों वर्ष पूर्व थार मरुस्थल की जगह समुद्र हुआ करता था, जिसका प्रमाण ब्रह्मसर में मिलता हैं. मेसोजोइक महाकल्प के अनुसार भी यह क्षेत्र कभी समुद्री भाग हुआ करता था. जिसका प्रमाण रेगिस्तान में स्थित राजस्थान के ज़िले जैसलमेर में आकल (एक जगह) में जुरासिक समय के लकड़ियों के अवशेष कास्ट जीवाश्म पार्क में आज भी मौजुद हैं. यहां पर मौजुद जीवाश्मों की आयु संभवतया अठारह करोड़ वर्ष प्राचीन है. इसके संबन्ध में यह सबसे बड़ा ऐतिहासिक साक्ष्य हैं.
वर्तमान में थार मरुस्थल (Thar Marusthal) के समीपवर्ती इलाकों में खारे पानी की झीलें मौजूद है. सांभर, डीडवाना, कुचामन और डेगाना जैसी खारे पानी की झीलें यही बयां करती हैं कि सैकड़ों वर्षों पूर्व यहां समुद्री तट हुआ करते थे जो पीछे हट गए. लेकीन यह एक अंदाजा मात्र है.
कई भूगोल के जानकारों का यह भी मानना है कि थार मरुस्थल (Thar Marusthal) दक्षिण अफ्रीका के सहारा मरुस्थल का ही पूर्वी भाग है. क्योंकि मरुस्थलीय क्षेत्रों में वर्षा बहुत कम होती है इसलिए धीरे-धीरे इनका विकास व विस्तार होता जाता है. राजस्थान में स्थित थार का मरुस्थल भी है बारिश की कमी के चलते विस्तारित हुआ और दिन प्रतिदिन इसका क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है. इस तरह थार मरुस्थल (Thar Marusthal) की उत्पत्ति हुई निरंतर उसके क्षेत्रफल में वृद्धि होती जा रही है.
थार मरुस्थल में प्रवाहित होने वाली नदियां (Thar Marusthal me bahne wali nadiya)
थार के मरुस्थल में बहने वाली नदियाँ निम्नलिखित हैं-
कांतली नदी
कांतली नदी शेखावटी क्षेत्र में बहती हैं इसका उद्भव और इसी क्षेत्र में समाप्त भी हो जाती हैं. रेत के टीलों के बीच में बहने वाली इस नदी का प्रवाह काम होने पर इस टीलों के मध्य में जगह जगह अस्थाई खारे पानी के गढ़े या झिले बन जाती हैं जिन्हें प्लाया नाम से जाना जाता हैं.
धीरे-धीरे इनका पानी सुखता जाता हैं और ये रण (दलदलीय गर्त) का रुप ले लेते हैं. पानी बिल्कुल सुख जाने के बाद बचे हुए इन गड्ढों को टाट नाम से जाना जाता हैं.
लूणी नदी
लूणी नदी खारे पानी की प्रसिद्ध झील है. इस नदी का उद्भव नाग पर्वत से होता है, यहां से चलकर यह सीधी समुद्र में जाती हैं. 495 किलोमीटर की दुरी तय करने के बाद अरब सागर में मिल जाती हैं.
घग्घर नदी
घग्घर नदी शिवालिक पर्वत से निकलकर राजस्थान में आती हैं. वैसे सामान्यतया यह नदी श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में आकर समाप्त हो जाती हैं लेकिन अत्यधिक पानी का प्रवाह होने की दशा में यह पाकिस्तान तक पहुंच जाती हैं.
थार मरुस्थल की मुख्य विशेषताएं (Features of Thar Desert)
थार मरुस्थल अपने आप में विशेष हैं. थार मरुस्थल की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
1. थार मरुस्थल लगभग 2 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है.
2. थार मरुस्थल का 85% हिस्सा भारत में हैं जबकि 15% हिस्सा पाकिस्तान में आता हैं. 61.11% हिस्सा अकेले राजस्थान में आता हैं.
3. थार मरुस्थल राजस्थान के अलावा भारत में हरियाणा, गुजरात और पंजाब में फैला हुआ है.
4. सर्दियों के दिनों में थार मरुस्थल का तापमान शून्य से भी नीचे चला जता है और गर्मियों में यहां भीषण गर्मी दिखने को मिलती हैं.
5. लगातार हवा चलने की वजह से रेत के टिब्बे अपना स्थान बदलते रहते हैं,यह ज्यादातर गर्मी के मौसम में दिखने को मिलता हैं.
6. हालांकि राजस्थान की 40% जनसंख्या थार मरुस्थल में रहती हैं लेकिन इसका क्षेत्र इतना बड़ा है कि दूर दूर तक गांव दिखाई नहीं देते हैं.
7. थार मरुस्थल की वजह से अंग्रेजों को सिंध क्षेत्र पर कब्ज़ा करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
8. आज से सैकड़ों वर्षों पूर्व मरूस्थल की जगह समुद्र हुआ करता था.
9. थार मरुस्थल दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा हैं इसकी रोकथाम के लिए भारत सरकार ने नहर परियोजना को मंजूरी दी है.
10. थार मरुस्थल को पाकिस्तान में चोलिस्तान नाम से जाना जाता हैं.
11. राजस्थानका जोधपुर जिला थार मरुस्थल का प्रवेश द्वार माना जाता हैं.
12. थार मरुस्थल में हर साल 25 सेमी से भी कम वर्षा होती हैं.
13. थार मरुस्थल अरावली पर्वतमाला से पूर्व दिशा में स्थित हैं.
14. थार मरुस्थल की जलवायु अत्यधिक शुष्क होती हैं.
15. थार मरुस्थल दुनियां में सबसे अधिक आबादी वाला मरूस्थल है.
16. Thar Marusthal में कांटेदार झाड़ियां और वन शामिल हैं.
थार मरुस्थल का क्षेत्रफल
थार मरुस्थल (Thar Marusthal) पश्चिमी राजस्थान में आता हैं. थार मरुस्थल का क्षेत्रफल भारत और पाकिस्तान में कुल मिलाकर 77000 वर्ग मील (238254 वर्ग किलोमीटर) में फैला हुआ है.
थार मरुस्थल का प्रवेश द्वार (Thar Marusthal ka pravesh dwar)
राजस्थान के जोधपुर को थार मरुस्थल का प्रवेश द्वार कहा जाता हैं.
थार मरुस्थल के भाग
थार मरुस्थल को 2 भागों में विभाजित किया जा सकता हैं-
1. शुष्क क्षेत्र- थार मरुस्थल का वह भाग जहाँ पर 25 सेमी से काम बारिश होती हैं.
2. अर्ध शुष्क- थार मरुस्थल का वह भाग जहाँ पर 25 सेमी से 50 सेमी तक बारिश होती हैं.
थार मरुस्थल कहां स्थित हैं (Thar Marusthal kaha sthit hain)
थार मरुस्थल (Thar Marusthal) भारत और पाकिस्तान में स्थित हैं जिसका 85% हिस्सा भारत में तथा 15% हिस्सा पाकिस्तान में आता हैं. राजस्थान के अलावा गुजरात, हरियाणा और पंजाब तक थार मरुस्थल फैला हुआ है.अगर राजस्थान की बात की जाए तो थार मरुस्थल का फैलाव हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर , बाड़मेर आदि हैं.
थार मरुस्थल में जनजीवन
थार मरुस्थल (Thar Marusthal) एक शुष्क मरूस्थल है जहां पर नहीं के बराबर बारिश होती हैं। जल के अभाव में यह क्षेत्र जनजीवन के लिए अनुकूल नहीं है. थार मरुस्थल में पाए जाने वाले पशु और पक्षी इस वातावरण के अनुकूल है. ऊंट यहां बहुतया में पाए जाते हैं यही वजह है कि ऊंट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाता हैं.
थार मरुस्थल में कम वर्षा होने के कारण
थार मरुस्थल (Thar Marusthal) में बहुत कम वर्षा होती हैं जिसका मुख्य कारण यहां पेड़ पौधे और वन की कमी होना है. साथ ही अरावली पर्वतमाला आने वाले बादलों को रोक नहीं पाती हैं जिसके चलते यहां का अधिकतर भाग सुखा ही रह जाता हैं.
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