kalinga Yudh || कलिंग युद्ध के 7 मुख्य कारण और परिणाम

Last updated on May 6th, 2024 at 11:06 am

प्राचीन भारत का इतिहास उठाकर देखा जाए तो “कलिंग का युद्ध”/कलिंग (kalinga yudh) की लड़ाई को सबसे खतरनाक और भयानक माना जाता हैं। “कलिंग का युद्ध” मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध ने भारत के महानतम राजाओं में शुमार सम्राट अशोक का जीवन परिवर्तित कर दिया था। 261 ईo पूo लड़ा गया यह युद्ध अशोक का प्रथम और अंतिम युद्ध साबित हुआ।

जब अशोक ने मौर्य साम्राज्य की बागड़ोर संभाली उसके 8 वर्ष बाद “कलिंग का युद्ध” (kalinga yudh) लड़ा गया था। कलिंग का युद्ध सम्राट अशोक की विस्तारवादी निति और उसके दादा “प्रथम मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य” द्वारा कलिंग जीतने का असफल प्रयास का नतीजा था। लाखों की संख्या में लोगों के मारे जाने की वजह से “कलिंग का युद्ध” (kalinga yudh) विश्व का सबसे क्रूर युद्ध भी माना जाता हैं।

kalinga yudh मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन के बीच 261 ईo पूo लड़ा गया था।

“कलिंग का युद्ध” (kalinga yudh) लड़े जाने के पीछे कई बड़ी वजह रही थी। कलिंग युद्ध के या कलिंग की लड़ाई के कारण निम्नलिखित हैं –

1. मौर्य साम्राज्य के प्रथम सम्राट और अशोक महान के दादा चन्द्रगुप्त मौर्य राज्य विस्तार के समय कलिंग पर हमला किया था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसी का बदला लेने के लिए सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया था। यह कलिंग युद्ध ( kalinga yudh) का मुख्य कारण माना जाता हैं।

2. कलिंग युद्ध (kalinga yudh) प्रारम्भ होने से पहले सम्राट अशोक ने कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन को एक पत्र लिखा और मौर्य साम्राज्य में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। देश प्रेमी प्रजा का साथ और मजबूत सैन्य शक्ति की वजह से कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था, परिणामस्वरूप सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण कर दिया। यह कलिंग युद्ध का दूसरा बड़ा कारण था।

3. भारत के राजनैतिक एकीकरण के लिए कलिंग एक महत्वपूर्ण राज्य था। यह उत्तर और दक्षिण के बीच मुख्य रोड़ा था। दक्षिण क्षेत्र में राज्य विस्तार हेतु यह रास्ते में पड़ता था इसलिए इसको जीतना जरुरी था।

4. हिंदमहासागर पर कलिंग राज्य का एकाधिकार था और यही वजह थी की ये विदेशी व्यापार को प्रभावित करते थे। अतः मौर्यों के लिए इसे जीतना जरुरी हो गया।

5. दक्कन की ओर गंगा घाटी क्षेत्र में व्यापार में कलिंग राज्य ही सबसे बड़ी बाधा यह था।

6. सम्राट अशोक को एक आक्रामक राजा के रूप में जाना जाता था ,वह बहुत बड़ा महत्वकांक्षी था इसलिए अपनी ताक़त और शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य भी कलिंग युद्ध के कारणों  में से एक था। 

7. सम्राट अशोक अपने राज्य का विस्तार करना चाहता था यह भी कलिंग युद्ध का कारण था।

कलिंग का युद्ध (kalinga yudh) धौली की पहाड़ियों पर लड़ा गया था। सुबह के सूर्योदय के साथ शंखनाद की धुन पर युद्ध का आगाज हुआ। कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन और सम्राट अशोक की सेनाएँ आमने-सामने थी। पूरा कलिंग युद्ध का मैदान बन चूका था। कलिंग की सेना भी एक डैम व्यवस्थित और ताकतवर थी जो किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं थी, साथ ही कहते हैं कि कलिंग की सेना ही नहीं बल्कि वहां की प्रजा भी देश प्रेमी थी।

दोनों तरफ से घमासान जारी था ,कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन की सेना, एक समय ऐसा लग रहा था कि सम्राट अशोक को पराजित कर देंगी लेकिन धीरे-धीरे कलिंग के वीर योद्धा वीरगति को प्राप्त हो रहे थे।  इसका एक मुख्य कारण सेना की संख्या मौर्य सेना से कम होना भी था।

दूर-दूर तक युद्ध मैदान में रक्त धाराएँ बाह रही थी जिसे देखकर हर कोई डर रहा था। राजा होने के बाद भी सम्राट अशोक भी डगमगा गए।

इस युद्ध के परिणामस्वरूप कलिंग की पूरी सेना का सफाया हो गया। लगभग 1.50 लाख कलिंग के सैनिक मारे गए जबकि 1 लाख मौर्य सैनिक भी वीरभूमि को प्राप्त हुए। इस युद्ध के बाद दया नामक नदी खून से बहने लगी।

लाखों स्त्रियाँ और पुरुष जान गवाँ बैठे। यह सब नजारा देख कर सम्राट अशोक का सर चकरा गया। उसकी आँखों से लगातार आंसू बाह रहे थे। उसका ह्रदय परिवर्तित हो गया।

इस युद्ध के पश्चात् ही सम्राट अशोक ने शपथ ली कि वह भविष्य में कभी युद्ध नहीं करेगा और पश्चाताप करने के लिए बौद्ध धर्म अपना लिया। साथ ही धम्म की स्थापना भी की जिसके तहत उसने नियम बनाए और उनके अनुसार ही जीवन यापन करने का निर्णय लिया।

अशोक के धम्म अथवा धर्म से आशय कल्याणकारी कार्य करना, पाप नहीं करना, मीठी वाणी, दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार, दान, दया आदि हैं। यह परिवर्तन कलिंग युद्ध में विजय के बाद चक्रवर्ती सम्राट अशोक के मन में आया था और इसी वजह से अशोक के धम्म की स्थापना की गई।

1. कलिंग युद्ध (kalinga yudh) के पश्चात् मौर्य साम्राज्य का विस्तार हो गया ,तोशाली को कलिंग की नई राजधानी बनाया गया। 

2. सम्राट अशोक ने साम्राज्य विस्तारवादी निति का हमेशा के लिए त्याग कर दिया।

3. सम्राट अशोक ने युद्ध और क्रूरता त्याग कर अहिंसा ,प्रेम , दान ,परोपकार और सत्य का रास्ता अपना लिया।

4. सम्राट अशोक कलिंग युद्ध के परिणाम स्वरुप बौद्ध धर्म को अपना लिया और जीवन भर उसका प्रचार प्रसार किया।

5. अशोक ने धम्म की स्थापन की और पड़ौसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बनाए।

6. कलिंग युद्ध को मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण भी मन जाता हैं।

इतिहास की किसी भी विषय वस्तु या सामग्री पर लोग बिना प्रमाण के विश्वास नहीं करते हैं और यह सत्य भी है। वैसे तो भारतीय इतिहास को इतना तोड़ मरोड़ दिया गया है कि लिखित किताबों और इतिहासकारों की बातों पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन जो पुराने लोग इतिहास की कहानियां बताते हैं वह सत्यता के करीब प्रतीत होती हैं।

कलिंग युद्ध के प्रमाण (kalinga yudh) की बात की जाए तो कलिंग अभिलेख अर्थात् धोली और जोगढ़ से प्राप्त हुए शिलालेख संख्या 11, 12 एवं 13 कलिंग युद्ध और उसके प्रभावों का वर्णन करते हैं।

यह भी पढ़ें 150 मौर्यकाल सामान्य ज्ञान प्रश्न और मौर्यकाल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न।

1.कलिंग के युद्ध का सम्राट अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर – कलिंग युद्ध (kalinga yudh)के बाद सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया और शांति का मार्ग चुना।

2. कलिंग का युद्ध कहां हुआ?

उत्तर – कलिंग का युद्ध धौली की पहाड़ियों पर हुआ था वर्तमान में उड़ीसा में हैं।

3. कलिंग की राजकुमारी कौन थी?

उत्तर – कलिंग की राजकुमारी का नाम पद्मा था।

4. कलिंग का युद्ध कब और किसके बीच हुआ?

उत्तर – कलिंग का युद्ध (kalinga yudh) मौर्य सम्राट अशोक और राजा अनंत पद्मनाभन के बीच हुआ था।

5. कलिंग का आधुनिक नाम क्या है?

उत्तर – कलिंग का आधुनिक नाम उड़ीसा है।

6. कलिंग युद्ध में कितने लोगों की मृत्यु हुई थी?

उत्तर – लगभग डेढ़ लाख कलिंग सैनिक और 100000 मौर्य सैनिक इस युद्ध में मारे गए।

7. कलिंग दुर्ग के फाटक क्यों बंद हैं?

उत्तर – कलिंग युद्ध में लाखों की तादाद में लोग मारे गए थे, वहां के राजाओं के महल की फाटक अभी भी बंद है क्योंकि कहा जाता है कि वहां की राजकुमारी आज भी बदला लेना चाहती है।

8. पद्मा कौन थी?

उत्तर -पदमा कलिंग के राजा की पुत्री थी।