वीरान और खण्डहर पड़ा कुम्भा महल सदियों से महाराणा कुम्भा (Rana Kumbha Mahal Chittorgarh) की गाथाएं सुना रहा हैं लेकीन सुनने वाला कोई नहीं। Rana Kumbha Mahal Chittorgarh अभी जर्जर हालत में हैं। चित्तौड़गढ़ के सुरवीर राजा महाराणा कुम्भा द्वारा इस भव्य महल का निर्माण 15वीं सदी में करवाया था।
कुंभा महल के बारे में कहा जाता है कि यह महल महाराणा कुंभा (Rana Kumbha Mahal Chittorgarh) से पहले भी बना हुआ था लेकिन महाराणा कुंभा ने अपने कार्यकाल में इसका जीर्णोद्धार करवाया और बड़े स्तर पर अतिरिक्त छोटे-छोटे महलों का निर्माण करवाया था, इसी वजह से इस महल को कुंभा महल के नाम से जाना जाता है।
क्या आप चित्तौडग़ढ़ दुर्ग का इतिहास जानना चाहते हैं।
कुम्भा महल की वास्तुकला और विशेषता (Rana Kumbha Mahal Chittorgarh)
कुंभा महल की बनावट देख कर आपको आश्चर्य होगा कि आखिर कैसे प्राचीन समय में इस तरह के भव्य महल का निर्माण किया गया होगा। राजपूत वास्तुकला का परिचय देती यह इमारत युगों-युगों से चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर खड़ी है।
राणा कुम्भा महल (Rana Kumbha Mahal Chittorgarh) में प्रवेश करने से पहले इस महल के बाहर एक प्रशस्ति पत्र लगा हुआ है जो ना सिर्फ इस महल के बारे में जानकारी देता है जबकि इसमें महाराणा कुंभा के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी दी गई है।
कुंभा महल में प्रवेश करने के लिए दो मुख्य दरवाजे हैं, जिन्हें बड़ी पोल और त्रिपोलिया नाम से जाना जाता हैं। जैसे ही हम महल के अंदर प्रवेश करते हैं बड़ा सा आंगन दिखाई देता है जो एकदम खुला है। यहां पर सूरज गोखरा, जनाना महल और कंवरपाद के महल भी देखने को मिलते हैं।
आप देखेंगे कि कुंभा महल के दक्षिणी भाग में पन्नाधाय और मीराबाई के मंदिर बने हुए हैं। कुंभा महल में कई भूमिगत कोठियां बनी हुई हैं जहां रानी पद्मिनी अपने राज्य की अन्य महिलाओं के साथ दुश्मन के द्वारा किए जाने वाले अपमान से स्वयं को बचाने के लिए आत्मदाह अर्थात जौहर किया था। राणा कुंभा महल के समीप भगवान शिव का एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है।
विश्व धरोहर का भाग है राणा कुम्भा महल (Rana Kumbha Mahal Chittorgarh)
चित्तौड़गढ़ दुर्ग विश्व धरोहर का हिस्सा होने की वजह से इस दुर्ग पर बने सभी महल और स्तंभ को भी विश्व धरोहर में शामिल किया गया है जिसकी देखभाल एवं रखरखाव का काम भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है।
अगर आप राणा कुंभा महल में घूमने की योजना बना रहे हैं तो इसमें जाने के लिए कोई अलग से शुल्क या टिकट लेने की जरूरत नहीं है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग का भ्रमण प्रारंभ करने से पहले पूरा दुर्ग घूमने के लिए एक ही टिकट मिलती है, जिसमें आप सभी जगह घूम सकते हैं। जैसे कि महाराणा कुंभा महल, रानी पद्मिनी महल, विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ और चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर स्थित सभी ऐतिहासिक स्थलों पर आप जा सकते हैं।
कुंभा महल फोटो (Rana Kumbha Mahal photos)
वैसे तो कुंभा महल का एक एक पत्थर अद्भुत और ऐतिहासिक हैं लेकिन हम आपके लिए यहां पर कुंभा महल के चुनिंदा फोटो लेकर आए हैं जिससे कि आप इसकी भव्यता का अनुमान लगा सके। कुंभा महल के फोटो निम्न हैं या कुम्भा महल फोटो ((Rana Kumbha Mahal Chittorgarh photos)




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