चन्द्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा की मृत्यु कैसे हुई? (durdhara ki mrityu kaise hui)- एक रहस्यमय कहानी।

क्या आप जानते हैं कि चन्द्रगुप्त मौर्य की पत्नी durdhara ki mrityu kaise hui. चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम शासक थे जिन्होंने दुर्धरा से शादी की। चंद्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा की मृत्यु (durdhara ki mrityu) के पीछे एक रहस्य छुपा हुआ है।

एक ऐसी घटना जिसने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले आचार्य चाणक्य को अपने पद से हटा दिया और चाणक्य की मौत का कारण बना।

चन्द्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा की मृत्यु के पीछे की कहानी (durdhara ki mrityu kaise hui)-

जैसा कि आप सब जानते हैं आचार्य चाणक्य ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए, धनानंद को पराजित करने और उसके साम्राज्य को समाप्त करने का संकल्प लिया था। अपनी निर्णय क्षमता, चतुर राजनीति और अच्छे षड्यंत्रकर्ता के रूप में आचार्य चाणक्य विश्वविख्यात हैं। उन्होंने ऐसे षड्यंत्र रचे जिससे धनानंद मृत्यु को प्राप्त हुए और चंद्रगुप्त मौर्य मगध साम्राज्य के राजा बने।

कभी-कभी अच्छा करने के लिए किए जाने वाले कामों से ऐसी क्षति या नुकसान हो जाता है जिनकी पूर्ति करना मुश्किल होता है। ऐसा ही एक अच्छा काम आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य के लिए किया, लेकिन इसका खामियाजा चंद्रगुप्त मौर्य को उनकी पत्नी दुर्धरा की मृत्यु से चुकाना पड़ा। आचार्य चाणक्य चाहते थे कि चंद्रगुप्त मौर्य हर तरह से मजबूत बने इसलिए उन्हें खाने में हल्का-हल्का जहर दिया जाता था ताकि उनका शरीर उस जहर के अनुकूल हो जाए और यदि उन्हें मारने के लिए कोई षडयंत्र पूर्वक उन्हें जहर भी दे, तो उनके शरीर पर उसका कोई असर ना हो।

1 दिन की बात है आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य के लिए भोजन तैयार किया और उसमें प्रतिदिन की तरह हल्का सा जहर मिला दिया। यथासमय चंद्रगुप्त मौर्य किसी कार्य में व्यस्त होने की वजह से भोजन नहीं कर पाए और वह भोजन चंद्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा ने ग्रहण कर लिया।

कुछ ही समय पश्चात धीरे धीरे उनकी सेहत बिगड़ने लगी और जब कारण पता चला तो ना सिर्फ चंद्रगुप्त मौर्य बल्कि आचार्य चाणक्य के भी होश उड़ गए, क्योंकि बिल्कुल कम मात्रा से शुरू किया गया जहर चंद्रगुप्त मौर्य के लिए कम प्रभावी था लेकिन दुर्धरा ने पहली ही बार में अधिक मात्रा वाला भोजन ग्रहण कर लिया। इसलिए उनका शरीर धीरे-धीरे साथ छोड़ रहा था।

जब दुर्धरा ने भोजन ग्रहण किया उस समय वह गर्भवती थी। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमता का प्रयोग करते हुए पेट को चीरकर बच्चे को बाहर निकाल दिया। इस दौरान चंद्रगुप्त मौर्य की पत्नी दुर्धरा की मृत्यु हो गई। दुर्धरा की मृत्यु (durdhara ki mrityu) से चंद्रगुप्त मौर्य को गहरा आघात लगा, लेकिन यह आचार्य चाणक्य की बुद्धिमत्ता का ही परिणाम था कि मौर्य साम्राज्य को आगे बढ़ाने के लिए दुर्धरा के गर्भ से बिंदुसार नामक बच्चे का जन्म हुआ।

मौर्य साम्राज्य को नया वंशज मिल गया लेकिन दुर्धरा की मृत्यु (durdhara ki mrityu) हो गई। यही बिंदुसार आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के बाद मौर्य साम्राज्य की द्वितीय शासक बने।

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