जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है, जानें 10 रहस्य

जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है:- जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई आज भी एक बहुत बड़ा रहस्य बना हुआ हैं कि आखिर क्या वजह की इसकी परछाई नहीं बनती हैं. वैज्ञानिकों के लिए भी यह शोध का विषय रहा हैं लेकिन आज तक इस बात का कोई पता नहीं लगा पाया हैं. ताजमहल जैसे ढाँचे को अगर हम दुनियाँ का अजूबा कह सकते हैं तो फिर जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में आप क्या कहेंगे?

यहाँ एक नहीं कई ऐसे रहस्य हैं जिनका अभी तक कोई पता नहीं लगा सका हैं. खेर इतिहासकारों की संकीर्ण मानसिकता की वजह से भारत के कई नामी और रहस्यमयी मंदिर उनको अजूबा नहीं लग कर एक संगमरमर का महल अजूबा हो गया.

इस लेख में हम जगन्नाथ पुरी मंदिर के कई रहस्यों के बारें में चर्चा करेंगे और साथ ही यह भी जानेंगे कि “जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है

जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है

जगन्नाथ पुरी मंदिर सनातन धर्म के चार धाम में से एक हैं. यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण साक्षात् विराजमान हैं. यही वजह हैं कि जगन्नाथ मंदिर में कई रहस्य देखने को मिलते हैं. जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है इसके पीछे भी भगवान श्री कृष्ण का चमत्कार हैं. जो भी चार धाम की यात्रा करता है उसके मन में जगन्नाथ पुरी मंदिर कौतुहल का विषय रहता हैं, क्योंकि यहाँ पर एक साथ भगवान के कई चमत्कार देखने को मिलते हैं.

चाहे कितनी भी धुप क्यों नहीं हो यहाँ तनिक भी मंदिर की परछाई दिखाई नहीं देती हैं, नास्तिक लोगों के लिए प्रमाण चाहिए होता है. भगवान में आस्था रखने वाले लोग इस विषय पर ज्यादा ध्यान नहीं देते जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है. इसे भगवान का चमत्कार मानकर हाथ जोड़कर आगे बढ़ जाते हैं.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो अभी तक उनका शोध यह सिद्ध नहीं कर पाया हैं कि जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है.

जगन्नाथ मंदिर के रहस्य

पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रहस्य निम्नलिखित हैं-

1. सिंह द्वार का रहस्य

जगन्नाथ पुरी मंदिर में सिंह द्वार का रहस्य भी बहुत बड़ा हैं, यहाँ पर दो चमत्कार देखने को मिलते हैं. जब आप सिंह द्वार के बाहर खड़े होते हैं तो समुद्र की लहरों की तेज आवाज सुनाई देती हैं जबकि अंदर प्रवेश करते ही यह एकदम बंद हो जाती हैं. इतना ही नहीं यहाँ इसके समीप एक शमशान घाट हैं, अगर आप सिंह द्वार के बाहर खड़े रहेंगे तो आपको जलती लाशों की गन्ध आएगी लेकिन जैसे ही अंदर जायेंगे यह गन्ध भी बंद हो जाएगी.

2. मंदिर के ऊपर पक्षी नहीं उड़ते

अभी तक जगन्नाथ पुरी मंदिर के गुम्बद पर किसी पक्षी को बैठे हुए या ऊपर से उड़ते हुए नहीं देखा गया और ना ही कोई हवाई जहाज या हेलीकाप्टर इसके ऊपर से गुजरता हैं.

3. जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई

यह तो भगवान श्रीकृष्ण का चमत्कार ही हैं कि चाहे कितनी भी धुप क्यों ना हो जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई नहीं बनती है. इसका अभी तक न तो कोई वैज्ञानिक पता लगा पाया हैं और ना ही लगा पाएगा.

4. झण्डे का रहस्य

जगन्नाथ मंदिर पर लगे झंडे को हर दिन श्याम को बदल दिया जाता हैं जिसके पीछे यह मान्यता हैं कि यदि इसको नहीं बदला गया तो यह मंदिर आने वाले 18 वर्षों तक बंद हो जायेगा.

5. रसोई से जुड़ा रहस्य

जगन्नाथ मंदिर रहस्यों में यहाँ की रसोई भी एक बहुत बड़ा रहस्य हैं. यहाँ पर लगभग 500 रसोइये और 300 सहायक काम करते हैं. प्रतिदिन आने वाले भक्तों के लिए भोजन-प्रसाद की निःशुल्क व्यवस्था रहती हैं. आज तक यहाँ कभी भोजन कम नहीं पड़ा चाहे कितने भी भक्त क्यों नहीं आ जाए. इतना ही नहीं जैसी ही मंदिर बंद होने का समय होता है यह प्रसाद अपने आप ख़त्म होने लगया हैं.

दूसरा यहाँ पर मिट्टी के चूल्हे और बर्तन में खाना बनता हैं. 7 बर्तन को एक दूसरे के ऊपर रखा जाता हैं. सबसे ऊपर वाले बर्तन में खाना सबसे पहले बनता हैं. इस चमत्कार के बारे में आप क्या कहेंगे.

6. ब्रह्म पदार्थ का रहस्य

ब्रह्म पदार्थ का रहस्य भी आपको हैरान कर देगा , जब यहाँ पर मूर्तियाँ बदली जाती हैं तो सिर्फ एक चीज वैसी की वैसी ही रहती हैं और वह हैं ब्रह्म पदार्थ. यह मूर्ति के अंदर से निकलने वाला एक ऐसा पदार्थ होता हैं जो दिल की तरह धड़कता रहता है. अगर कोई इसे देख ले तो तुरंत उसकी मृत्यु हो जाती हैं.

7. हर 12 साल में बदली जाती हैं मूर्तियाँ

हर 12 वर्ष में जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहिन सुभद्रा की मूर्तियों को बदला जाता हैं, इस दौरान पुरे शहर की बिजली काट दी जाती हैं. पुजारी के अतिरिक्त इस मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर पता हैं. पुजारी हाथों में दस्ताने पहनाकर आँखों पर भी पट्टी बाँधी जाती हैं, ताकि गलती से भी वह मूर्ति को ना देख सके. इस दौरान इस मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा CRPF के हाथ में रहता हैं.

8. चमत्कारिक सुदर्शन चक्र

जगन्नाथ पूरी मंदिर पर लगा सुदर्शन चक्र जिसे नीलचक्र भी कहते हैं अष्ठ धातु का बना हुआ हैं को यदि आप मंदिर की किसी भी दिशा से देखेंगे तो वह आपको आपकी तरफ लगा ही दिखाई देगा.

9. हवा की दिशा

सामान्य दिनों में हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती यही और शाम के समय जमीन से समुद्र की तरफ लेकिन यहाँ पर एकदम उल्टा होता हैं.

10. हनुमानजी द्वारा मंदिर की रक्षा

इस मंदिर की रक्षा का जिम्मा हनुमान जी के पास हैं. यह मंदिर 3 बार समुद्र की वजह से टूट गया क्योंकि हनुमान जी जगन्नाथ जी के दर्शन करने के लिए नगर भ्रमण के दौरान यहाँ से चले गए तब भगवान ने उनको स्वर्ण बेड़ियों से बांध दिया. तब से लेकर आज तक इस मंदिर को नुकसान नहीं हुआ.

इस लेख में हमने जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई क्यों नहीं बनती है के साथ-साथ कई और रहस्यों को भी जाना.

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