ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास और नियम

ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास:- ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास बहुत प्राचीन हैं, हजारों वर्ष पूर्व जब से इंसानों ने घोड़ों को पालना शुरू किया तब से इनका और इंसानों का रिश्ता बहुत गहरा रहा हैं. धीरे-धीरे घुड़सवारी ने खेल का रूप ले लिया. घुड़सवारी (Equestrian) का मानव सभ्यता के साथ-साथ विकास हुआ हैं.

घुड़सवारी (Equestrian) का इतिहास ग्रीस नामक देश से जुड़ा हुआ हैं. 680 ईशा पूर्व रथ दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन होता था उसका ही रूप हैं घुड़सवारी (Equestrian). ओलंपिक में घुड़सवारी के नियम अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी संघ (FEI) द्वारा निर्धारित किए जाते हैं.

एक खेल के रूप में घुड़सवारी (Equestrian) का इतिहास और विकास क्रमिक हुआ हैं. इस लेख में हम ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास, प्रमुख घटनाएं, खिलाड़ी, और इसका महत्त्व जानेंगे.

घुड़सवारी (Equestrian Meaning) क्या हैं?

घुड़सवारी (Equestrian) एक खेल हैं जिसमें घुड़सवार एक घोड़े पर सवार होकर यह खेल खेलता हैं और अपने हुनर व योग्यता का प्रदर्शन करता हैं. सीधे शब्दों में देखा जाए तो घोड़े की सवारी करना घुड़सवारी (Equestrian) कहलाता हैं. लेकिन धीरे-धीरे इसने खेल का रूप ले लिया और वर्ष 1900 में आयोजित ओलिंपिक में घुड़सवारी (Equestrian) को भी शामिल किया गया.

घुड़सवारी के प्रकार (Types Of Equestrian)

घुड़सवारी (Equestrian) चार प्रकार की होती हैं जिनमें घोड़े की रेसिंग, घोड़े की वॉल्टिंग, पोलो खेल और रोडियो मुख्य हैं. इनमें से तीन तरह की घुड़सवारी (Equestrian) जंपिंग (शो जंपिंग) ड्रेसेस और इवेंटिंग को ओलिंपिक खेलों में शामिल किया गया हैं.

ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास (History Of Equestrian in Olympics)

कभी प्राचीन ओलिंपिक में रथ दौड़ मुख्य इवेंट हुआ करता था लेकिन अब यह लगभग खत्म हो चुका हैं. घुड़सवारी (Equestrian) का इतिहास बहुत प्राचीन और लोकप्रिय हैं. 3500 ईसा पूर्व में भी घोड़ों की सवारी के प्रमाण मिले हैं. जैसा की आपने ऊपर पढ़ा ओलिंपिक में घुड़सवारी (Equestrian) के तीन तरह के खेलों को शामिल किया गया है. घुड़सवारी (Equestrian) के इन विभिन्न रूपों का आविष्कार अलग-अलग काल-परिस्थिति और लोगों द्वारा किया गया था.

आधुनिक ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास देखा जाए तो इसकी शुरुआत वर्ष 1900 से हुई थी लेकिन इसके बाद लगातार 2 ओलिंपिक में इसको शामिल नहीं किया गया और वर्ष 1912 से पुनः ओलिंपिक में घुड़सवारी को शामिल कर लिया गया.

ओलिंपिक में महिला घुड़सवारी प्रतियोगिता की शुरुआत वर्ष 1952 से हुआ था.

शो जंपिंग की शुरुआत इंग्लैंड के गांवों में घेराबंदी के साथ शुरू हुई थी. 1869 में इसकी शुरुआत मानी जाती हैं. जब लोमड़ी का शिकार करने वालों को घोड़ों की जरुरत पड़ी जो आसानी से कूद सकते थे.

इवेंटिंग को वर्ष 1902 में आयोजित की गई प्रतियोगिता में शामिल किया गया था. जबकि ड्रेसेस का सम्बन्ध हिस्ट्रियन जेनोफेन के काम ऑन हॉर्समैनशिप जिसमें घोड़ों का परिक्षण किया गया से जोड़कर देखा जाता हैं. ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास बहुत लोकप्रिय हैं.

घुड़सवारी के प्रकार और ओलंपिक में घुड़सवारी के नियम

घुड़सवारी (Equestrian) में जंपिंग (शो जंपिंग) ड्रेसेस और इवेंटिंग आदि शामिल हैं. ओलंपिक में घुड़सवारी के नियम अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी संघ (FEI) द्वारा निर्धारित किए जाते हैं. घुड़सवारी के नियम निन्मलिखित हैं-

[1] शो जंपिग

शो जंपिंग घुड़सवारी का एक बहुत लोकप्रिय तरीका हैं. इसमें घोड़े और सवार के बिच आपसी तालमेल होना बेहद जरुरी हैं. क्योंकि कई बार सवार को घोड़े के साथ कई बाधाओं को कूदना होता हैं. शो जंपिंग घुड़सवारी में आने वाली बाधाओं में समानांतर डंडे, गड्ढे और छोटी-छोटी दीवारें शामिल हैं जो खेल का एक भाग हैं.

शो जंपिंग में ग्रेड नस्ल के घोड़ों का दबदबा हैं, इन्हें इस खेल में चैंपियन समझा जाता हैं लेकिन इसके अलावा भी कई नस्ल के घोड़े हैं जो इस खेल के लिए उपयुक्त हैं. घुड़सवारी (Equestrian) के “शो जंपिंग में अधिकत्तर शो जंपर्स वार्मब्लड या पूरी तरह से प्रजनन से तैयार 64 इंच लंबे घोड़ों को ही काम में लेते हैं“.

शो जंपिंग के नियम:-

घुड़सवारी के “शो जंपिंग प्रतियोगिता” में जो सवार और घोड़ा कम से कम समय में कम से कम बाधा पार करता हैं और पेनल्टी भी कम से कम होती हैं उसे विजेता घोषित किया जाता हैं.

शो जंपिंग घुड़सवारी प्रतियोगिता में पेनल्टी के नियम-

शो जंपिंग पेनल्टी 2 तरह की होती हैं. इसमें जंपिंग पेनल्टी और टाइम पेनल्टी शामिल हैं.

(1) जंपिंग पेनल्टी- यह रिफ्यूजी या नॉकडाउन पेनल्टी होती हैं. यह पेनल्टी जंपिंग के दौरान होती हैं. इस पेनल्टी के परिणामस्वररूप 4 फॉल्ट्स जुड़ते हैं जो स्कोर को प्रभावित करते हैं.

(2) टाइम पेनल्टी:- किसी बाधा या रुकावट को पार करने के लिए एक घोड़े या घुड़सवार द्वारा निर्धारित समय से अधिक समय लिया जाता हैं तो टाइम पेनल्टी लगती हैं. यह पेनल्टी एक सेकण्ड या उसका अंश मात्र हो सकती हैं.

[2] ड्रेसेस घुड़सवारी

यह घुड़सवारी खेल का सबसे कलात्मक तरीका हैं और यह बहुत लोकप्रिय भी हैं. इसमें घोड़े को अपना हुनर दिखाने का मौका मिलता हैं. घोड़े और सवार का आपसी तालमेल, तेजी, धीरज और लचीलेपन के आधार पर उनको आँका जाता हैं. अपने सवार की आज्ञा का सटीकता से पालन करना भी इस खेल और आंकलन का हिस्सा हैं.

[3] इवेंटिंग

यह घुड़सवारी का विस्तृतरूप हैं. इसमें घुड़सवार का परीक्षण चार दिनों की अवधि में क्रॉस कंट्री, शो जंपिंग और ड्रेसेस के आधार पर किया जाता हैं. प्रथम दो दिन ड्रेसेस के आधार पर फिर क्रॉस कंट्री और शो जंपिंग के आधार पर इस प्रतियोगिता का अंत होता हैं. इसमें पेनल्टी पॉइंट्स को शामिल किया जाता हैं.

FAQ- ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास से सम्बंधित बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न-उत्तर

[1] घुड़सवारी कब और कैसे शुरू हुई?
उत्तर- घुड़सवारी का आरंभ लगभग 4000 ईसा पूर्व था और इसका उद्भव इंडस नदी के तट पर हुआ था. पहले युद्ध में इस्तेमाल होती थी, परंतु बाद में इसे मनोरंजन के लिए भी खेला जाने लगा.

[2] घुड़सवारी के लिए सबसे अच्छा देश कौन है?
उत्तर- घुड़सवारी में कई देशअच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख देशों में भारत, अर्जेंटीना, जर्मनी, और यूनाइटेड किंगडम में घुड़सवारी बहुत लोकप्रिय हैं.

[3] घुड़सवारी में कितने तरह के इवेंट होते हैं?
उत्तर- घुड़सवारी में कई प्रकार के इवेंट होते हैं, जिनमें स्प्रिंट, ड्रेसाज, क्रॉस-कंट्री, और टीम इवेंट्स शामिल हैं. पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग इवेंट्स होते हैं.

[4] घुड़सवारी के लिए कौन से अभ्यास करने चाहिए?
उत्तर- घुड़सवारी के लिए एक व्यक्ति को घुड़सवारी के ट्रेनर के साथ संपर्क करके उचित अभ्यास करना चाहिए। यहां व्यायाम, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, और स्वतंत्र अभ्यास करने की आवश्यकता होती है.

[5] क्या घुड़सवारी स्वास्थ्य लाभ देती है?
उत्तर- जी हां, घुड़सवारी स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. इसका अभ्यास शारीरिक फिटनेस, कसरती मांसपेशियों, कोर स्थायित्व, और मन की शांति में सुधार करता है.

[6] ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास कितना पुराना हैं?

उत्तर- ओलंपिक में घुड़सवारी का इतिहास लगभग 124 साल पुराना हैं.

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