जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia)- ग्वालियर के प्रथम राजा और जिनकी नहाते वक्त हुई थी हत्या।

जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) को जयप्पा दादासाहिब के नाम से भी जाना जाता हैं। जयप्पाजी राव सिंधिया मराठा साम्राज्य में जनरल थे। इन्होंने अपने पिता राणोजीराव सिंधिया द्वारा स्थापित ग्वालियर रियासत को संभाला था। हालांकि ग्वालियर रियासत के संस्थापक राणोजीराव सिंधिया को माना जाता है, लेकिन ग्वालियर रियासत के प्रथम महाराजा जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) थे।

जयप्पाजी राव सिंधिया का इतिहास हिंदी में (Jayappaji Rao Scindia History in hindi)-

  • अन्य नाम Other Name– जयप्पाजी राव शिंदे,जयप्पा दादासाहिब.
  • जन्म वर्ष Birth Year– 1720 ईस्वी.
  • मृत्यु तिथि Death – 25 जुलाई 1755.
  • मृत्यु स्थान Death place – नागौर, राजस्थान.
  • माता का नाम Mothers Name – मैना बाई.
  • पुत्र का नाम childrens name– जानकोजी राव सिंधिया.
  • शासन काल– 1745 से 1755.
  • धर्म – हिंदू, सनातन.

जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) ने उत्तरी भारत में स्थित ग्वालियर राज्य पर शासन किया था। इनका शासनकाल 1745 से लेकर 1755 तक रहा। लगभग 10 वर्षों तक ग्वालियर रियासत पर शासन करने के पश्चात 25 जुलाई 1755 में राजस्थान के नागौर में इनकी हत्या कर दी गई थी।

इनके पिता राणोजीराव सिंधिया की मृत्यु के पश्चात ग्वालियर रियासत की कमान उनके हाथ में आ गई। इस समय ग्वालियर रियासत पर मराठा साम्राज्य का प्रभुत्व था और मराठा साम्राज्य की तरफ से ही सिंधिया परिवार ग्वालियर रियासत चला रहा था। ग्वालियर रियासत की कमान संभालने के साथ साथ इन्हें मराठा साम्राज्य में जनरल का पदभार भी संभालना था जो यह बखूबी कर रहे थे।

ग्वालियर रियासत से एकत्रित होने वाले कर को यह मराठा साम्राज्य के विस्तार हेतु काम में लेते, सैन्य शक्ति को बढ़ाने में काम में लेते और जन सेवा में उसका उपयोग करते थे। जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) के परिवार की बात की जाए तो इनकी चार पुत्रियां थी और एक पुत्र था। पुत्र का नाम जानकोजी राव सिंधिया था।

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जयप्पाजी राव सिंधिया की मृत्यु कैसे हुई? Hows Jayappaji rao scindia died-

उस समय राजस्थान की जोधपुर रियासत में उत्तराधिकार को लेकर आपसी मतभेद चल रहे थे। बखत सिंह की मृत्यु के पश्चात राजकुमार विजय सिंह को जोधपुर रियासत का नया राजा वहां के सरदारों द्वारा चुना गया।

लेकिन राजकुमार विजय सिंह से बड़ा एक और भाई था, जिसका नाम राजकुमार रामसिंह था . राजकुमार राम सिंह को राजा बखत सिंह ने रियासत से निकाल दिया था। जब राजा बखत सिंह की मृत्यु हो गई और नया राजकुमार विजय सिंह को चुन लिया गयाा, उसके बाद राजकुमार राम सिंह मराठों के पास समर्थन के लिए गया।

इस समय मराठा साम्राज्य के पेशवा रघुनाथराव थे। पेशवा रघुनाथ राव राजकुमार राम सिंह को समर्थन देने के लिए राजी हो गए। पेशवा रघुनाथ राव ने राजकुमार राम सिंह का साथ देने के लिए ग्वालियर रियासत के महाराजा जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) को जोधपुर (मारवाड़) भेजा।

पूर्व में लड़ी गई लड़ाई से जोधपुर रियासत में जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) और उनके पुत्र जानकोजी राव सिंधिया ने बहुत नुकसान पहुंचाया था। राजकुमार विजय सिंह मराठों से बहुत नाराज थे। 1755 ईस्वी के लगभग जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) के साथ साथ मराठी सेना भी मारवाड़ पहुंची और नागौर के किले को चारों तरफ से घेर लिया।

राजकुमार विजय सिंह के पास मराठों से युद्ध करने के लिए पर्याप्त सेना नहीं थी, इसलिए वह किले के अंदर ही सुरक्षित रहें। लेकिन 8-9 महीने बीत जाने के बाद जब उनकी राशन सामग्री खत्म होने लगी तो उन्हें बाहर आना ही एकमात्र उपाय लगा। राजकुमार विजय सिंह ने चातुर्य पूर्ण निर्णय लिया और संधि का ढोंग रचा।

राजकुमार ने जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) के पास अपना एक दूत भेजा और यह संदेश भिजवाया कि राजकुमार आपके साथ संधि करना चाहते हैं और इस संधि के तहत ही जोधपुर का नया राजा बनेगा। कूटनीति का सहारा लेते हुए जोधपुर के राजकुमार विजय सिंह ने वह समस्त खुफिया जानकारियां एकत्रित कर ली जिसकी उन्हें जरूरत थी। सबसे पहले उसने जयप्पाजी राव सिंधिया की दिनचर्या जानी।

खुफिया जानकारी के अनुसार जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) नहाने से पहले वह पूजा-पाठ के समय उनकी सुरक्षा में तैनात सभी सैनिकों को कुछ समय के लिए दूर कर देते हैं। जोधपुर के राजकुमार विजय सिंह के लिए यह बहुत ही अहम सूचना थी, जिसके दम पर उसने रणनीति बनाई और योजना बनाई की नहाते वक्त जयप्पाजी राव सिंधिया को मौत के घाट उतारा जा सकता है।

25 जुलाई 1755 का दिन था। सुबह का समय था, जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) स्नान करने के लिए अपने कक्ष से बाहर निकले। जब उन्होंने अपने सैनिकों को दूर कर दिया उसके बाद राजकुमार विजय सिंह के द्वारा भेजे गए दो सैनिक वेशभूषा बदलकर वहां आ गए और स्नान करते समय जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) को मौत के घाट उतार दिया। इस तरह समझौता करवाने आए ग्वालियर रियासत के प्रथम महाराजा जयप्पाजी राव सिंधिया (Jayappaji Rao Scindia) की मृत्यु हो गई।